तदर्थ शिक्षकों को 1990 से ही विनियमित मानते हुए उसी तिथि से वरिष्ठता सूची में शामिल करने का निर्णय लेकर वरिष्ठता निर्धारण में तदर्थ शिक्षकों के साथ हुए भेदभाव और उपेक्षा को समाप्त कर दिया है।यह देर से लिया गया न्यायोचित निर्णय है! माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा पारित निर्णयदिनांक-03-01-2019 के अनुपालन में तथा मा.सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व निर्णय (भुवन चंद काण्डपाल बनाम उत्तराखंड सरकार ) के सम्मान में उत्तर प्रदेश सरकार को भी इस निर्णय का अनुकरण करते हुए यहां के तदर्थ शिक्षकों को वरिष्ठता प्रदान कर न्यायोचित कार्यवाही करनी चाहिए !! जारी वरिष्ठता सूची
तदर्थ शिक्षकों को 1990 से ही विनियमित मानते हुए उसी तिथि से वरिष्ठता सूची में शामिल कर जारी की वरिष्ठता सूची