ऱक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रथम राफेल लड़ाकू विमान सौंपे जाने के समारोह में मंगलवार को कहा कि ये लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को और मजबूती प्रदान करेंगे। उन्होंने राफेल में करीब 25 मिनट उड़ान भी भरी। भारतीय वायुसेना के लिये फ्रांस से खरीदे गये 36 राफेल लड़ाकू विमानों की श्रृंखला में प्रथम विमान सौंपे जाने के लिये मेरिनियाक में आयोजित एक समारोह में सिंह अपनी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोंरेंस पार्ले के साथ शरीक हुए, जहां सिंह को औपचारिक रूप से प्रथम राफेल विमान सौंपा गया।
राजनाथ सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने से ठीक पहले नये विमान का शस्त्र पूजन किया और उस पर 'ओम तिलक लगाया तथा पुष्प एवं एक नारियल चढ़ाया। इस अवसर पर उनके साथ भारतीय सशस्त्र बलों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी थे।
रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, हम किसी अन्य देश को धमकाने के लिये हथियार या अन्य रक्षा साजो सामान नहीं खरीदते हैं बल्कि हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाने एवं रक्षा पंक्ति को मजबूत करने के लिए इन्हें खरीदते हैं। राफेल विमान खरीद का श्रेय अवश्य ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। उनके निर्णय लेने की क्षमता से हमारे राष्ट्र की सुरक्षा को काफी फायदा पहुंचा है।
उन्होंने राफेल में अपनी उड़ान को यादगार और जीवन में कभी न भूलने वाला लम्हा बताते हुए कहा, ''मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरुंगा। यह एक बहुत आरामदेह और सुगम उड़ान रही। इस दौरान मैं इस लड़ाकू विमान की कई क्षमताओं, इसकी हवा से हवा में मार करने की क्षमता और इसकी जमीन पर लक्ष्य भेदने की क्षमता को देख सका।
उन्होंने विमान से उतरने के शीघ्र बाद कहा, यह विमान वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ाएगा...यह आत्मरक्षा के लिये प्रतिरोधी शक्ति है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है। सिंह ने कहा, मैं हर साल लखनऊ में शस्त्र पूजन करता हूं और आज मैंने फ्रांस में यहां शस्त्र के रूप में राफेल की पूजा की।
उल्लेखनीय है कि सिंह ने 19 सितंबर को बेंगलुरु के एचएएल हवाईअड्डे से स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी थी। इसमें उड़ान भरने वाले वह प्रथम रक्षा मंत्री हैं। सिंह ने समारोह में उपस्थित लोगों से कहा, ''हमारी वायुसेना दुनिया में चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है और मेरा मानना है कि राफेल मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना को और मजबूती प्रदान करेगा तथा हमारी हवाई क्षमता को बढ़ाते हुए क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। ।
मंत्री ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाने की उम्मीद है। सिंह ने कहा, ''मुझे बताया गया है कि फ्रेंच 'शब्द राफेल का अर्थ 'आंधी है। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि विमान अपने नाम को सार्थक करेगा।
'आरबी001' राफेल वायुसेना प्रमुख राकेश भदौरिया के नाम का संक्षिप्त रूप है। उन्होंने वायुसेना उपप्रमुख पद पर रहने के दौरान इन विमानों के सौदे में एक अहम भूमिका निभाई थी। वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ, एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने मंत्री के राफेल विमान में उड़ान भरने की निगरानी की। अरोड़ा ने कहा कि वायुसेना के लिये खरीदा गया राफेल विमान पंजाब के अंबाला में और पश्चिम बंगाल के हसीमरा में भारत की हवाई क्षमता को बढ़ाएगा।
इनमें से चार विमानों की प्रथम खेप अगले साल मई में भारत पहुंचेगी। तब तक ये विमान प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिये फ्रांस में ही रहेंगे। अरोड़ा ने कहा, यह भारतीय वायु रक्षा के लिए अब तक का सबसे शक्तिशाली सैन्य साजोसामान है।
वहीं, सिंह ने सालाना भारत-फ्रांस रक्षा वार्ता के संदर्भ में पेरिस में कहा, ''आज भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया गया है और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग एक नये मुकाम पर पहुंचा है। उन्होंने कहा, 'यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जो भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी की गहराई को प्रदर्शित करता है। आज विजयादशमी है और साथ ही भारतीय वायुसेना का 87वां स्थापना दिवस भी है।'