शिविर कार्यालय, शिक्षा निदेशालय (मा0), उत्तर प्रदेश, लखनऊ
आदेश संख्या. शिविर/ 15836-15972
कार्यालय आदेश
माध्यमिक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा उसे सुनियोजित एवं सुव्यवस्थित ढंग से लागू करने के उद्देश्य से प्रदेश, मण्डल तथा जनपद स्तर पर क्वालिटी मानीटिरिंग सेल के गठन का निर्णय लिया गया है। यह सेल राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में हो रहे पठन-पाठन तथा शिक्षा की गुणवत्ता का प्रभावी अनुश्रवण तथा विविध आयामों के नियोजन का अध्ययन तथा अभिलेखीकरण कर विश्लेषण करेगी तथा प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर विद्यालयों में पठन-पाठन के वातावरण का सृजन कर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक सुझाव देगीक्वालिटी मानीटिरिंग सेल का विभिन्न स्तरों पर निम्नवत गठन किया जाता है:
जनपद स्तर
जनपद स्तर विद्यालयों में पठन-पाठन की सुचारु व्यवस्था बनाने तथा छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए जनपद स्तर पर क्वालिटी मानीटिरिंग सेल विद्यालयों के निरीक्षण में परिलक्षित कमियों के संबंध में विद्यालयों को आवश्यक सुझाव देगी तथा जिले की शिक्षा व्यवस्था की मानीटिरिंग व प्लानिंग करेगी। जनपद स्तर पर क्वालिटी मानीटिरिंग सेल का गठन निम्नवत किया जाता है:
1- जिला विद्यालय निरीक्षक- प्रदेश अध्यक्ष
2- सह जिला विद्यालय निरीक्षक/राजकीय इण्टर कालेज के वरिष्ठ प्रधानाचार्य/ प्रधानाचार्या- सदस्य सचिव
3- जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नामित अकादमिक रुचि रखने वाले राजकीय/सहायता प्राप्त- सदस्य विद्यालयों से एक पुरुष तथा एक महिला प्रधानाचार्य
4- जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नामित अकादमिक रुचि रखने वाले राजकीय/सहायता प्राप्त- सदस्य विद्यालयों से एक पुरुष तथा एक महिला शिक्षक
विद्यालयों से एक पुरुष माध्यमिक विद्यालयों के पठन-पाठन की गुणवत्ता संवर्द्धन तथा पाठ्य सहगामी क्रिया-कलापों के सुचारु संचालन हेतु जनपद स्तर पर गठित क्वालिटी मानीटिरिंग सेल के निम्नवत दायित्व होंगे1- विद्यालयों के निरीक्षण हेतु जनपद स्तरीय सेल न्यूनतम चार टीमों का गठन करेगी। प्रत्येक टीम कम से कम दो विद्यालयों का निरीक्षण(एक राजकीय तथा एक अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय) प्रत्येक 15 दिन में करेगीजिस विद्यालय का निरीक्षण किया जायेगा उस विद्यालय में पठन-पाठन, विद्यालय में किये जा रहे नवाचारों एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों को परखने के लिए कम से कम दो-तीन घण्टे अवश्य दिये जायेंगे। विद्यालय में संचालित कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों से पठन-पाठन की जानकारी लेंगे तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों से पठन-पाठन, शैक्षिक तकनीक, शैक्षिक नियोजन एवं विभिन्न गतिविधियों के संबंध में विचार विमर्श करेंगे तथा पठन-पाठन के संबंध में प्रभावी रणनीति बनाने के लिए आवश्यक सुझाव/निर्देश देंगे। विद्यालयों के गत वर्षों के परीक्षाफल में सुधार हेतु प्रभावी कार्य-योजना एवं रणनीति बनाने पर भी बल दिया जाये । इस संबंध में सुस्पष्ट एवं विस्तृत निरीक्षण आख्या(निरीक्षण प्रारुप संलग्न है) सेल को उपलब्ध करायी जायेगीनिरीक्षण में परिलक्षित कमियों को दूर करने के लिए सम्बन्धित विद्यालय को आवश्यक सुझाव देगी। निरीक्षण आख्या की एक प्रति सम्बन्धित मण्डल स्तरीय सेल को प्रत्येक माह की 01 तथा 16 तारीख को उपलब्ध करायी जायेगी।
जनपद स्तरीय सेल की बैठक प्रत्येक 15 दिन में एक बार अवश्य की जायेगी तथा बैठक में निरीक्षणों एवं आख्याओं में अंकित फीडबैक का अध्ययन कर अभिलेखीकरण किया जायेगा तथा अधिकारियों/टीमों द्वारा 5. दिये गए फीडबैक के आधार पर विचार-विमर्श कर विद्यालयों में पठन-पाठन के बेहतर वातावरण के सृजन हेतु विद्यालयों को आवश्यक सुझाव/निर्देश दिये जायेंगे।
2 विद्यालयों के निरीक्षण द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता का आकलन एवं उसके संवर्धन हेतु सुझाव, विषयवार शिक्षकों की आवश्यकता, उपलब्धता एवं रिक्तियां, छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की आवश्यकता, विद्यालयों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं, आवश्यकता एवं कठिनाइयों का विश्लेषण कर आवश्यक सुझाव देना
3- विभाग द्वारा विद्यालयों के लिए जारी किये गये शैक्षिक पंचांग को लागू करने के लिए विद्यालय द्वारा किये गये प्रयासों के संबंध में प्रधानाचार्य, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से फिडबैक लेकर निरीक्षणकर्ता अधिकारी/टीम मानीटिरिंग सेल को रिपोर्ट देगी। निरीक्षणकर्ता अधिकारी के फीडबैक का विश्लेषण कर शैक्षिक पंचांग को विधिवत् लागू करने हेतु सेल विद्यालयों को आवश्यक सुझाव/निर्देश देगी।
4- विभिन्न विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए विद्यालयों द्वारा किये जा रहे नवाचार (इन्नोवेटिव प्रेक्टिसेस), पठन-पाठन में टीचिंग लर्निंग मैटिरियल (टी0एल0एम0) का प्रयोग तथा रुचिपूर्ण एवं प्रभावी शिक्षण हेतु टेक्नोलाजी के उत्कृष्ट प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहित करना तथा अच्छे नवाचारों (इन्नोवेटिव प्रेक्टिसेस) का प्रस्तुतीकरण जिले स्तर से मण्डलीय सेल को भेजना।
5- शिक्षण को रुचिपूर्ण एवं प्रभावी बनाने हेतु समस्त विद्यालयों में प्रयोगशालाओं एवं पुस्तकालयों का विद्यार्थियों द्वारा किये जा रहे उपयोग को परखना तथा उनका सुदृढ़ीकरण कर विद्यार्थियों द्वारा अधिकाधिक प्रयोग करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करना।
6- छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु पाठ्य-सहगामी क्रियाकलापों यथा खेल-कूद, स्काउट-गाइड, एन०एस०एस०, रेडक्रास, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण व वाद-विवाद, निबन्ध, सुलेख(हिन्दी व अंग्रेजी) प्रश्नोत्तरी (क्विज), चित्रकला, पोस्टर, रंगोली, मेंहदी इत्यादि प्रतियोगिताओं/कार्यक्रमों के समस्त विद्यालयों में सुचारु संचालन हेतु निर्देश देना
7- विद्यार्थियों की कैरियर काउंसिलिंग हेतु विद्यालय एवं जनपद स्तर पर इकाई का गठन कर कार्य-योजना तैयार कर विद्यालयों में लागू करना।
8- जिला स्तरीय सेल संलग्न बिन्दुओं के अनुसार जनपद के आधारभूत आँकड़े तथा समस्त सूचनाओं की बुकलेट तैयार करेगी, जिसे मण्डल/प्रदेश स्तर से नामित अधिकारी/टीम के जिले के भ्रमण के दौरान अवलोकनार्थ प्रस्तुत किया जायेगा।
अध्यापक पुरस्कार हेतु विद्यालयों में व्यापक प्रचार-प्रसार करना तथा पुरस्कार के मानक बिन्दुओं से अवगत कराना। साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों का डेटा-बेस तैयार करना।
मण्डल स्तर
विद्यालयों में पठन-पाठन का वातावरण सृजित करने तथा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु मण्डल स्तर पर क्वालिटी मानीटिरिंग सेल जनपदों से प्राप्त निरीक्षण आख्याओं तथा फीडबैक का अध्ययन कर आवश्यक निर्देश/सुझाव देगी। मण्डल स्तर पर क्वालिटी मानीटिरिंग सेल का निम्नवत गठन किया जाता है:
1- मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक - प्रदेश अध्यक्ष
2- मण्डलीय उप शिक्षा निदेशक- सदस्य सचिव
3- मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा नामित अकादमिक रुचि रखने वाले - सदस्य राजकीय/सहायता प्राप्त विद्यालयों से एक पुरुष तथा एक महिला प्रधानाचार्य
4- मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा नामित अकादमिक रुचि रखने वाले- सदस्य राजकीय/सहायता प्राप्त विद्यालयों से एक पुरुष तथा एक महिला एक पुरुष तथा एक महिला शिक्षक
विद्यालयों में पठन-पाठन की गुणवत्ता संवर्द्धन तथा पाठ्य सहगामी क्रिया-कलापों के सुचारु संचालन हेतु मण्डल स्तर पर गठित क्वालिटी मानीटिरिंग सेल के दायित्व निम्नवत होंगे-
1- विद्यालयों के निरीक्षण हेतु मण्डल स्तरीय सेल न्यूनतम चार टीमों का गठन करेगी। प्रत्येक टीम प्रत्येक 15 दिन में कम से कम दो विद्यालयों(एक राजकीय तथा एक अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय) का निरीक्षण करेगी। जिस विद्यालय का निरीक्षण किया जायेगा उस विद्यालय में पठन-पाठन, विद्यालय में किये जा रहे नवाचारों एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों को परखने के लिए कम से कम दो-तीन घण्टे अवश्य दिये जायेंगेविद्यालय में संचालित कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों से पठन-पाठन की जानकारी लेंगे तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों से पठन-पाठन, शैक्षिक तकनीक, शैक्षिक नियोजन एवं विभिन्न गतिविधियों के संबंध में विचार विमर्श करेंगे तथा पठन-पाठन के संबंध में पभावी रणनीति बनाने के लिए आवश्यक सुझाव/निर्देश देंगे। विद्यालयों के गत वर्षों के परीक्षाफल में सुधार हेतु प्रभावी कार्य-योजना एवं रणनीति बनाने पर भी बल दिया जाये। इस संबंध में सुस्पष्ट एवं विस्तृत आख्या(निरीक्षण प्रारुप संलग्न है) सेल को उपलब्ध करायी जायेगी।
मण्डल स्तरीय सेल की प्रत्येक 15 दिन में एक बैठक अवश्य होगी तथा बैठक में मण्डलीय सेल द्वारा कराये गये निरीक्षण एवं जनपद स्तरीय सेल से प्राप्त आख्याओं में अंकित फीडबैक का अध्ययन कर अभिलेखीकरण करना तथा अधिकारियों द्वारा दिये गए फीडबैक के आधार पर विचार-विमर्श कर विद्यालयों को आवश्यक सुझाव/निर्देश देना जिससे विद्यालयों में पठन-पाठन का वातावरण सृजित हो।
मण्डल स्तरीय सेल की बैठक में प्राप्त निरीक्षण आख्याओं तथा जनपद स्तरीय सेल की कार्य-प्रणाली के संबंध में हुए विचार-विमर्श से प्राप्त निष्कर्ष एवं फीडबैक को अपनी सुस्पष्ट संस्तुतियां निरीक्षण आख्याओं के साथ राज्य स्तरीय सेल को प्रत्येक माह की 05 एवं 20 तारीख तक अवश्य उपलब्ध कराया जाय।
2- विद्यालयों के निरीक्षण द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता का आकलन एवं उसके संवर्धन हेतु सुझाव, विषयवार शिक्षकों की आवश्यकता, उपलब्धता एवं रिक्तियां, छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की आवश्यकता, विद्यालयों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं, आवश्यकता एवं कठिनाइयों का विश्लेषण कर विद्यालयों को आवश्यक सुझाव देना तथा जिन प्रकरणों में शासन/निदेशालय स्तर से कार्यवाही अपेक्षित हो ऐसे प्रकरणों को शिक्षा निदेशालय को अपनी सुस्पष्ट आख्या/प्रस्ताव के साथ सन्दर्भित करना।
आख्या/प्रस्ताव - विभाग द्वारा विद्यालयों के लिए जारी किये गये शैक्षिक पंचांग को लागू करने के लिए विद्यालय द्वारा किये गये प्रयासों के संबंध में प्रधानाचार्य शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से फीडबैक लेकर निरीक्षणकर्ता अधिकारी टीम मानीटिरिंग सेल को रिपोर्ट देगी। निरीक्षणकर्ता अधिकारी के फीडबैक का विश्लेषण कर शैक्षिक पंचांग को विधिवत् लागू करने हेतु सेल विद्यालयों को आवश्यक सुझाव निर्देश देगी।
4- मण्डल के विभिन्न विद्यालयों में छात्रछात्राओं गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए विद्यालयों द्वारा किये जा रहे नवाचार(इन्नोवेटिव प्रेक्टिसेस) पठन-पाठन में टीचिंग लर्निंग मैटिरियल (टी0एल0एम0टी0) का प्रयोग तथा रुचिपूर्ण एवं प्रभावी शिक्षण हेतु टेक्नोलाजी के उत्कृष्ट प्रयोग का प्रस्तुतीकरण जो जिले स्तर से मण्डलीय सेल को भेजा गया है, को मण्डलीय सेल के सामने प्रस्तुतीकरण कराना तथा उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरणों को राज्य स्तर पर गठित सेल में प्रस्तुतिकरण हेतु संस्तुति करना।
5- शिक्षण को रुचिपूर्ण एवं प्रभावी बनाने समस्त विद्यालयों में प्रयोगशालाओं एवं पुस्तकालयों का विद्यार्थियों द्वारा किये जा रहे उपयोग को परखना तथा उनका सुदृढ़ीकरण कर विद्यार्थियों द्वारा अधिकाधिक प्रयोग करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश बनाकर विद्यालयों में लागू कराना।
6- छात्र-छात्राओं के सर्वांगीणविकास हेतु पाठ्य- सहगामी क्रियाकलापों यथा खेलकूद, स्काउटगाइड एन0एस0एस0रेडक्रास विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमभाषण वाद-विवाद, निबन्धसुलेख हिन्दी अंग्रेजी प्रश्नोत्तरी (क्विज), चित्रकला पोस्टर, रंगोली, मेंहदी इत्यादि प्रतियोगिताओं कार्यक्रमों के संचालन हेतु आवश्यक निर्देश जारी कर विद्यालयों में लागू कराना।
7- विद्यार्थियों की कैरियर काउंसिलिंग हेतु विद्यालय एवं जनपद स्तर पर गठित इकाई को अधिक सार्थक एवं सफल ___ बनाने हेतु कार्य-योजना तैयार कर विद्यालयों एवं जनपदों में लागू करना
8- निरीक्षण के दौरान मण्डलीय टीम/अधिकारी जनपद स्तरीय सेल द्वारा कराये गये निरीक्षण तथा सेल की बैठकों की कार्यवाही, उसके विश्लेषण एवं निरीक्षण से प्राप्त फीडबैक के आधार पर विद्यालयों में पठन-पाठन के वातावरण सृजन हेतु किये गये प्रयासों तथा उसके परीणामों का परीक्षण करना
9- अध्यापक पुरस्कार हेतु विद्यालयों में व्यापक प्रचार-प्रसार करना तथा पुरस्कार के मानक बिन्दुओं से अवगत कराना। साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों का डेटा-बेस तैयार करना।
प्रदेश स्तर प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा देने, विद्यालयों में पठन-पाठन का बेहतर वातावरण सृजित करने तथा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु राज्य स्तर पर क्वालिटी मानीटिरिंग सेल का गठन निम्नवत किया जाता है:
1अपर शिक्षा निदेशक, (व्यावसायिक शिक्षा) अध्यक्ष
2- श्री वी0के0 पाण्डेय, संयुक्त शिक्षा निदेशक (आर0एम0एस0ए0) सदस्य
3- श्री विकास श्रीवास्तव, उप शिक्षा निदेशक (महिला) सदस्य सचिव
4- श्री विवेक नौटियाल, उप शिक्षा निदेशक (शिविर) सदस्य
5- श्री राज कुमार, सहायक शिक्षा निदेशक (से0शि0) सदस्य
विद्यालयों में पठन-पाठन की गुणवत्ता संवर्द्धन तथा पाठ्य सहगामी क्रिया-कलापों के सुचारु संचालन हेतु राज्य स्तर पर गठित क्वालिटी मानीटिरिंग सेल के निम्नवत दायित्व होंगे-
1- राज्य स्तरीय क्वालिटी मानीटिरिंग सेल की पाक्षिक बैठक होगी, जिसमें जनपद तथा मण्डल स्तरीय सेल द्वारा गुणवत्तापरक शिक्षा के संबंध में किये जा रहे निरीक्षण एवं प्रयासों की सघन समीक्षा की जायेगी
2-राज्य स्तरीय सेल की बैठक प्रतिमाह द्वितीय सप्ताह में आयोजित की जायेगी । जिसमें प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के समक्ष मण्डल स्तर से चयनित एवं संस्तुत विभिन्न नवाचारों/प्रयोगों (Best Practices) को करने वाले अधिकारी/प्रधानाचार्य/अध्यापक को बुलाकर उनका प्रस्तुतीकरण कराया जायेगा तथा उत्कृष्ट एवं विद्यालयों में लागू कराये जा सकने योग्य नवाचारों को पूरे प्रदेश में लागू करने हेतु आवश्यक निर्देश जारी करना।
3- प्रदेश के समस्त विद्यालयों में शिक्षण को रुचिपूर्ण एवं प्रभावी बनाने हेतु प्रयोगशालाओं एवं पुस्तकालयों का सुदृढ़ीकरण कर विद्यार्थियों द्वारा अधिकाधिक प्रयोग करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करना।
4- छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु पाठ्य-सहगामी क्रियाकलापों यथा खेल-कूद, स्काउट-गाइड, एन0 एस० एस०, रेडक्रास, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण व वाद-विवाद, निबन्ध, सुलेख(हिन्दी व अंग्रेजी) प्रश्नोत्तरी (क्विज), चित्रकला, पोस्टर, रंगोली, मेंहदी इत्यादि प्रतियोगिताओं/कार्यक्रमों को प्रदेश के समस्त विद्यालयों में सुचारु ढंग से लागू करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करना।
5- समय-समय पर प्रदेश स्तरीय मानिटिरिंग सेल तथा शासन/विभाग द्वारा नामित अधिकारी/टीम द्वारा भी प्रदेश के विभिन्न जनपदों के विद्यालयों का निरीक्षण किया जायेगा। प्रदेश स्तर से नामित अधिकारी/टीम द्वारा जनपद तथा मण्डलीय सेल द्वारा की गई गतिविधियों/कार्यवाही का भी निरीक्षण किया जायेगा, जो उनकी रिपोर्टिंग का प्रमुख हिस्सा होगा। निरीक्षण आख्या की एक प्रति सम्बन्धित विद्यालय, एक प्रति सम्बन्धित जनपदीय सेल, एक प्रति सम्बन्धित मण्डल स्तरीय सेल तथा एक प्रति राज्य स्तरीय सेल को अवश्य भेजी जाए। इन नामित अधिकारियों से प्राप्त आख्याओं तथा फीडबैक का अध्ययन तथा विश्लेषण कर जिले/मण्डल स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक सुझाव/निर्देश जारी करना।
6- प्रदेश के विभिन्न माध्यमिक विद्यालय, जिला तथा मण्डल स्तर पर विशिष्ट/अनुकरणीय कार्य करने वाले अधिकारियों का प्रत्येक माह प्रस्तुतीकरण प्रदेश स्तरीय सेल की बैठक में किया जायेगा तथा गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए अच्छा कार्य करने वाले अध्यापक/प्रधानाचार्य/अधिकारियों को सम्मानित करने की संस्तुति भी राज्य स्तरीय सेल द्वारा की जायेगी।
7- जनपदीय/मण्डलीय/राज्य स्तरीय टीमों/अधिकारियों से प्राप्त फीडबैक तथा संस्तुतियों के आधार पर आवश्यकतानुसार विभाग/शासन को सन्दर्भित करने हेतु मासिक प्रगति आख्या के साथ राज्य स्तरीय सेल अपनी सुस्पष्ट आख्या/संस्तुति शिक्षा निदेशक को प्रस्तुत करेगी8- 8-प्रदेश के समस्त विद्यालयों में पठन-पाठन के वातावरण का सृजन तथा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के बहुमुखी विकास के लिए आवश्यक सुझाव/निर्देश देना
संलग्नक उपरोक्तानुसार
(विनय कुमार पाण्डेय)
शिक्षा निदेशक (माध्यमिक)
उ0प्र0, लखनऊ।
पृ०संख्याःशिविर/15836-15972 /2019-20 तदिनांक
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषितः
1- निजी सचिव, प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा, उ0प्र0 शासन, लखनऊ।
2- निजी सचिव, सचिव माध्यमिक शिक्षा, उ0प्र0 शासन, लखनऊ।
3- अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक/राजकीय), उ0प्र0, प्रयागराज।
4- सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद, उ०प्र०, प्रयागराज।
5- संबंधित प्रदेश स्तरीय क्वालिटी मानिटरिंग सेल के अध्यक्ष/सदस्य।
6- समस्त मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, उ0प्र0
7- समस्त मण्डलीय उप शिक्षा निदेशक, उ0प्र0 /
8- समस्त जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रथम/द्वितीय), उ0प्र0
(विनय कुमार पाण्डेय)
शिक्षा निदेशक (माध्यमिक)
उ0प्र0, लखनऊ।