शिक्षा ब्यवस्था के बदलाव से बदली यूपी की पहचान: डॉ दिनेश शर्मा


डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी वदलाव लाकर यूपी की शिक्षा व्यवस्था को देश और दुनिया में विशिष्ट स्थान दिलाने का प्रयास किया गया है। आज उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में हुए बदलाव पर देश और |दुनिया में चर्चा है। डा. दिनेश शर्मा ने  कहा कि सरकार को खस्ताहाल शिक्षा व्यवस्था विरासत में मिली थी लेकिन जर्जर व्यवस्था को पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में समग्रता में सुधारने का निश्चय किया। पिछले ढाई वर्ष से अधिक समय के दौरान हुए कार्यो ने उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन ला दिया है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दो माह से अधिक चलने वाली परीक्षाए अव मात्र 14 और 15 दिनों में कराई जा रही है। परीक्षा केन्द्रों के निरिण की प्रक्रिया में बदलाव से परीक्षा केन्द्रों की संख्या में भी कमी आई है। वर्ष 2017 में 11414 परीक्षा केन्द्र थे जवकि आनलाझ केन्द्र निर्धारण की प्रक्रिया से वर्ष 2020 में यह संख्या 7786 ही रह गई है। इस वार केन्द्रीय कन्ट्रोल रूम बनेगा ताकि एक स्थान से ही परीक्षा की मानीटरिंग हो सके। परीक्षाओं में कापी वदलने की प्रवृत्ति पर रोक के लिए कापियों पर कोडिंग की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 से परीक्षा प्रारूप में बदलाव कर दो प्रश्नपत्र की वजाय एक प्रश्नपत्र की प्रणाली लागू की गई है।   वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में राजकीय, सहायता प्राप्त तथा वित्तविहीन विद्यालयों में कक्षा 9 से लेकर 12 तक 109.81 लाख विद्यार्थियों के पठनपाठन की व्यवस्था की जा रही है।